विशु खोटन दास पाउल को ये मेकिल्याका घावा नॅ माटे निखय में ईश्वरमा मंगळ समाचार चलाराने ५ माटै नियता कयागया । नये क्ये मंगळ समाचार त्येखें योताना दोकरो अमारा प्रभु यिशु खोकना विवध ३ परथम समयमा पोतांना बाधायीनो मुद्दाथो धर्मग्रंथ 8 मा वघन कोधा है । मा वंशमा उत्पन्न थया पुन्यनें ग्राम मूसारे मुचा ५. थी परघट को धौ थकी । को ज्ये शरोरना विषयमा दाउद् घळी पोते ये ईश्वरनो दोकरें मयोसोथो करो उठवाधी सामर्थ जयेना पठगाथ सऊ देशो लोकोना वचमा त्ये विश्वासना अयोनपर्ने माटे में ना ६ नामनें माटै दया में दूतपणू याम्यू है । ७ वच्मा तपस् यिशु खीष्टना निखय कथा है । ईश्वरना वाल्ह में पुन्यात्मा थवानें माटै निश्चय हम्मा रहवावाळा रुऊनें पाउल पत्र लेखेरै कामारेर पिता ईश्वर ने प्रभु विशु खोटधी दया ने शान्ति तमारा ऊपर थाचैौ । - परथम तमारा विश्वासनो वात सऊ पृथ्वीमा कही जारछे एथी हूं तमसजनें माटै यिशु खौरना पतंगाधी ९ पोताना ईश्वरनो धन्य करूंहूं । कोमको ईश्वर को १० हं मनथो वहू । नो प्रार्थनामी वेळां ये मारो साक्षी है क्ये ई पति तमारा विषयमा सदा प्रार्थना करूँ ने विनती करूंकू को ईश्वरनो इच्छाथी के ई रोये तमारे पास पहुंचवानें माठे निर्भयथो मारूं जावू १२ थाय । मक्ये समारा जोवानें में तमें ये स्थिर था। ए माटै कांई परमार्थनो सामर्थ समनें भातवानें अर्थात् तमारा नें न्हारा विश्वासथी तमारै साथै खातरी थावानों हे भाइयो इं चाहता नहीं १३ मारी मोटो इछा । ये तमें बिना जायें रहो को ज्येव बोजा अन्यदेशी तोको ना वच्मा महरा फळरै त्येवीं तमारा वच्मापय को हं कोई लाभ पाम्यू एज्माटै तमारै पासै जात्रानो इच्छा में विरि १० य २ करो है परंतु हवणासुधो अटकाव पाम्य । इं ग्रीक १५ वें म्लेच्छ र बेहै। बळी पंडिताने मूर्खानापण रियो छू । ए मटै इं पातानी सामर्थनें मूजब रूमी तमारे पासैपड १६ मंगळ समाचार जय वानें त्यार हू । इं खीष्टना मंगळ समाचारता विषयमा लज्जित नथी कम्को यिजदो ग्रोकादि जिटळा विश्वास करवावाळा येहोवे यासें त्ये मानें १७ माटै ईश्वरमी एति । कमये येमाईवरना ये धर्म विश्वासयो थायद्दै त्ये धर्म विश्वासने माटे परघट है कम को १८ एव ं लख्यू है को धर्मो विश्वासयों वचशे । मूळ अनन्त पराक्रम में ईश्वरता कोधो वस्तैरथी संसारना ५९. येहोशना उजर करवानी वाट नथी । कमको त्येहाण्यें ईश्वर जाणोनेंपण ईश्वर नें एवो मर्यादा करो नहीं वळी स्तुति करवावाळापण न घया परंतु घोताना वादानुवाद थी वृथा थया वळी पोतानों गहलू मन अंधियारुं थया । २२ उपरांत त्येहाय्यें पोताना में बुधिवान जाणीनें मूर्ख थया । २३ वळी विनाशी मणोस नें पक्षी नें पशु नें उड जानवरौनी २० मूरतमा अविनाशी ईश्वरना तेजने। पलटी कयौ । ए माँटै ईश्वरयें लुच्चेपणाथी त्येहोनें मकोदोधा को त्ये मातामह मणोस इच्छाथो पोतानाथ शरोरनो परस्पर वेडरमती २५ करे को होयें ईश्वरनो वातनी सचाईनी पलटाईनें झूठो कोधी वळी उत्पन्न करवावाळानू भजन में सेवाथो उत्पन्न करिथवी वस्तुन भजन में सेवा करो जो उत्पन्न २६ करवावाळा सच्चिदानंद | आमिन। ब्येज्माटै ईपरयें त्येहाणनें नोच प्रेममांपण मूको दीधैौ वाइडीऔयेंपण् खभाविक व्यवहार मूकोनें स्वभावथी छावळू २७ व्यवचार कथ्रु भाइडापिड् वाइडोनू भोग करवू मूको ने पुरष पुरवनें साथै भुंडु काम करते मत्वाथो वब्बा बळी पोतानार भ्रमनें लायक फल पाशू वळी ज्येयू २८ होण्यें पोतानें ज्ञानमा ईश्वर ने राखवान् यतन को नहीं थे ये सऊ कायथार्थ में वेभिचार नें दुष्टता ने लोभ नें मुंडामनथी पूरण थईनें वळी मुंडाई ने घात नें वादानुवाद ने दगाबाजी ने कुटिलताथी पूरण घईनें वळी घुसरफुसर करवावाळा नें चुगली खावावाळा ने २९ ईश्वरनें विद्माकरवावाला ने भुंडु चाइवावाला ने का कार करवावाला नें काहंकारी ने भुंडांकामना उत्पन्नवर ३० वावाळा नें माता पिताना न मानवावाळा । में मूर्ख नं नियम नाश करवावाळा ने स्वभाविक प्रोत सिवाय में ३१ निर्दय नें मायारहित थईनें छानउचित काम करवानें ईश्वर १२ यें ये होनें मूर्खतामा मुको दोधैौ । को ज्ये मणीस एं सूर तन् ं काम करैहै त्ये हृणवा लायक हैं ये ईश्वरनों र विचार जाणी पण केवळ पोतै ए काम ज्ये करैहै ये नहीं परंतु एतना कामकरवावाळा औौनें ऊपर पर सन्नपण थाय है । मणीस ज्ये कोई था। तारा उजर करवानी वाट नथो कोंमध्ये तू विचारमा वोजानें दोषो करोनें त्ये विषयमा घोती नॅपण दोषी करैकै क्म्क्ये हे विचार करवावाळा तू पाते २ ये काम करे है । परंतु में जाणियेंरैयें को ये रीत ना काम करवाळाना विरुद्ध ईश्वरनों विचार स ३ टाइना सरखूं है । हे मणोस् तू ए सूरतनूं काम करवा वाळाचनों विचार करोनें जा पोते त्ये काम करें तो तू • शू निश्चय करैछे क्ये ईश्वरना विचारथी तू वचो । ईश्वर नी क्षमा ज्ये तनें पश्चाताप करवाने वाट दिखा है तू र न जाथीनें त्येजो दयामूरत धग में क्षमा नें धणण दःसुधी ५ घरदास्त हूं तुच्छ करीनें जाते है 1 परंतु ईश्वरनों कोप ने साधूं विचार परघट करवाना दाढांसुधी पोतानी कठिन में पत्ता न करवावाळा मननें एवं पोताने माटै कोपनें संचय करैछै। को ज्ये हरएक मणोसनें त्येहाना ७ काम फल आप शे । ज्ये सहवावाळा थईनें सदा आळू काम करवाथो मोक्ष ने मयादा में अमरपणू खेळे हैत्येोनें अनंत आयुदी पसे । ८ वादिधैौ नें सचार नथो मानता परंतु परंतु ज्ये वादानु यथार्थ काम मानें है यिज्डदी नें योकादि बीजादेशी जिटळा भुंडु काम करवावाळा येहोनें धृणा ने कोप नें दुख ने कटसूरत फळ श्राशे । |