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९. विशुखीटने बंदोवान पाउल में तिमोतियस् भाइ धमा ३ रा वाहा नें हितकारी फिलिमेोन में वाल्हो आम्फीया ने श्रमासा ससेना चाखिपस ने तारा घरमा ज्ये मंडळी के २ ये सऊने पास पत्र लखेरै । ईश्वर अमारा पिताथी ने 8 प्रभु यिशु खोठथो अनुग्रह में शांति वमघर थावैा । प्रभु विशुनें में सऊ पुन्यवामानें उपर तारूं ज्ये प्रेम में विश्वाम नो वात सांन्हळीनें हं पोतानी प्रार्थनानो वेळां तारूं नाम इदानी लेने मारा ईश्वरनो धन्यता कळूः ।

व़ळी ई प्रार्थना करूंळू को खोट विशुना रलाकामा ज्ये सऊ गुण तज्मा है त्येना कबूल करवाथी तारा विश्वास असर ७ मजबूत थाय । कों मक्ये हे भाइ तारा प्रेमधी कामतें घ आनंद ने खातरी है क्वेंस को साधु लोकोनू मन तरा करवा घी श्रोत कोधो ज़ार है। ये‍ उचित है ये तनें आज्ञा श्रावाने हं ख्रीष्टमा साहसी थे सकूंहूः तैापय् हं, पाउल् गरौ वळी हत्यायय् यिशु खोटनो एक बंधु थैनें १० प्रेमथो बल्के तारी वोनती करूं । में पेरताना ज्ये दोक राने बांधनी वेळां जन्म प्रापोछे अथात श्रोनेसिमस ११. त्येनें माटै हूं तनें वोनतो करूंछ । को ज्ये परथम ता

१२ त्येनें में फिरो मोकल्ये । है एमाटै त्येनें ले को ज्ये मारै याता १३ मैं प्रांतडोनें वो हैं । त्येनें में घोतानें पासै राखवानें चायू ं को त्थे तारौ नायबसूरत मंगळ समाचारनें माटै ११ बंधनथो मारो सेवा करै । परंतु तारी इच्छा सिवाय हं कांई करवा चाहता नथी को तारुं उपकार करवू जरुर १५ थयूं उपकारने एव न थाय परंतु मनयो धाय । क्वें को थै सकैछे क्ये त्ये तनें मूकोनें कांई दाढा गयों को तू तू येनें १६ सदानें माटै लैश । हवै चाकरने एवं कबूल करोश त्ये

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नहीं परंतु चाकरथो अधिक वाल्दा भाइनें एवं विशेषत मारा ऊपर परंतु शरोरना विषयमा नें प्रभुना विषयमा १७ त्येथो किटळू अधिक तारे पासै है । ए माटैव जै मनें घे।तानो साझो करो जायें तो येनें मनें पोतानाने एव १८ कबूल कर । जै त्येणे तारुं कांई जान कोधू होय को तारे। १८ कांई ऋणो होइ तो ये मारा लेखामा लेख । में पाउलयें पोताना हाथथी ए लख्यू है को हं स्थे चुकावी‍ परंतु तनें कहता नथी को तू मारै पासै मोताना जोवनाघण् ऋणो २० है । हे भाइ प्रभुमा तज्यो मारुं श्रानंन्द थाय प्रभुमा मारा २१ मननें बात कराव । तारौ ब्राज्ञाकारी धावाथो विश्वासो चैनें नें तू ज्ये मारा कहवाथी अधिकपण करोश ए जालो २२ में में तारे पासै लेख्यं है ।

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परंतु मारै माटै वासाप व्यार करजे कॉम्क्ये मनें ए भरोसा है को तमाशे प्रार्थना २३ थी हं तमारै पासे प्राप्यो जैश । खोट विशुमा मारे २१ सहबंदिवान एपाक्रास ने मारी मित्र मार्क ने अरिष्टा खस २५ नें देमास ने लूक तनें नमस्कार करैं हैं । श्रमारा प्रभु यिशु‍

खोटन् अनुग्रह तारी श्रात्मानें साथै थारै।। ग्रामिन ।

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ईश्वर को ज्येणें नाना समयमा ने कानेक प्रकारथी श्राचा यानी मारफत पूर्व समयमा गराचौनें क्यू येणें ए अंतनी समयमा योताना पुचनो मार्फत कामनें यूं ! ५ क्ये ज्येणें त्येणें सऊनो अधिकारी गोधा है को ज्येना कर ३ काथपण संसार नें उत्पन्न को धैौ । येणें त्येना महात्मा

नू तेज् 'नें त्येना शरोरनो ठोक मूरत थैनें वळी पोतानी सामर्थनो वातथौ सऊ राखते पोतानी मारफत कमाई पाप मोचन करोनें ऊपरना एैश्वय्यने जिम वैसा । • त्येखें अधिकार पण्य दूतना नामथी ज्ये मोटू नाम पायू इतूं त्ये सरखू ं त्येहे।यो उत्तम कोधूं गयूंहत् ।

कोंमक्ये त्येणें दूताना बचमा कोईनें कोई वेळा क्यूं है ये तू मारौं पुत्र छाज तनें जन्म

* हं त्येना पिता चैश में ये मारौ पुत्र

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प्राप्यैा वळीपस् घाशे । वळण् ज्यारै परथम उत्पन्न थयाने जगतमा ल्यावेरै प्यारे कन्है ७ है को ईश्वरना सजदूत त्येनू भजन करे । दूताना विषयमा

व्ये कहकै क्ये ज्ये पोताना दूतानें आत्मा ने पोताना सेवकै - नें आगनो जांच करैके । परंतु पुत्रनें के कठै हे ९ ईश्वर तारू सिंहासन सदा हरवेळां रहेकै तारा राजनू

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कीधूंछे वळो अयथार्थनें चित्रा को धोरै एमाटै ईश्वर अधा त तारा ईश्वरयें तारा मित्रौथो तनें श्रानन्दनों सूरत १० तेल अभिषेक कोधू हैं। संसारनी नोम नाखोके ११ त्येचेाख्नु विनाश था

वळीपण चे विजह तें परथममा वळी वर्ग तारा हाथन् काम है ।

परंतु तू उपस्थित रहे है ये सऊ १२ वस्त्र एवं जून जाशें । वळी तूं वस्त्रनें एवैौ व घडो कोधाथों त्ये बोजो सूरत घाशे परंतु तू एक सूरत है १३ ने तारा समयनू व थाऐं नहीं । परंतु येथे दंतै. ना

अच्मा कोईनें कोई वेळां कयूंछे को ज्यारसुधी तारा १४ शत्रु तारा मंगचेठळ हूं न करूं व्यारसुधी मारै जिम् वैस त्ये शू सेवक चात्मा नहीं त्येहानी सेवा करवानें माटे दूत को ज्ये मोक्षना, भागों घाणें ।

२ बोजा पर्व्व । - माटे में ज्येर सोहळंके येना उ पर अधिक मन लगाडवू' उचित है शृंजाणियें ये कोई सम २ य चापे । कोंमक्ये ज्ये दात दूताघो कही गई व्ये जो स्थिर थई नें हरेक कोलांघवू ने नमानवूं बाजबी २ फळ पाम् । तैौ एवं घणो मोटू मोक्षज में होल 9 थेयें तो केवोरीत्यै बचोरों को ज्ये परथम प्रभुनी मारफत कीगई थयाथी ईश्वरयें लक्षण में अचरज काम नें पोतानों इच्छानें एवं धणा अचरजना काम में धर्मात्माथी ग्रामोधकों सामर्थ श्रापोनें त्येनू प्रमाण कोथा पाछळ ज्येण्यें त्येनी वाता सान्हळी त्येहाण्योपय् अमारे पासे प्रमाण आपू ५ थकू तू । कमको ज्ये थानद्दार संसारनी वात में कहियेद्दैर्ये त्ये संसार त्येखें दूतानें प्रधोन करीनें 4 होने पास सोपा नथी । परंतु पेलिठामें एक मणोस् थें ए प्रमाण आपू को मणोस

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भूं को तू त्येना विषयमा

७ देखाई दे। त्येनें तें दुताथो कोई नोचा कोवारे येनें वडाई में ममादासूरत मुकुटधो शोभा दीधीই बळी घोताना हाथ कोथू जिटळू तेज् ऊपर बरकरार को धेरै व्येत्येना पहनें बोधळ सऊनें बाधीन कोधी है। - कोक्ये सऊ त्येना अधीन करवाथी येणें ग्रेना निरा धीन कांई राख्यू ं नहीं परंतु हवै में सज त्येनें माधीन ५. जोता नथीं । परंतु श्रमे विशुनें जोद्धयेंमें को ये ईचरना अनुग्रहथो हरेक मशोस्ने माटै मृत्यु भोग करवाना सबब घोडा दिवस् दूताथों नीचे कीधा गया गयाहता मधु भोग करवार्थी बडाई नें मर्यादासूरत मुकुटयों शोभित है १० कम्क्ये ज्येनें माटे सक ने ज्येना करवाची सऊ त्येनें उचित

छत को घया दीकरा ने मोक्षमा ल्यावाची बेहोना पाय ११ ना सैनापविनें दुखथी संपूर्ण करें । क्वें ये शु करौ ने जो शुद्ध कोधा जाय ये सऊ एकना एश्‌माटै जायहै त्ये ए कद्दीनें त्येहाणनें भाइ कहोनें तेडावानें वजित नथी । १२ को हं पोताना भाज्यानें पासै तारूं नाम घरघट क १२ मंडळीना वचमा तारों खुतिन् गोत हं गार्डश । करोपण हं त्येनो शरण लैश वळोपण मनें में ईश्वरथी श्राप्याथका १० मारा याचनें जो । एमाटे या मांत लोदीना मब्या

थकाथो त्येघण् त्येनें मब्बै । थका हता को मृत्युमा पठंगाथों म्टत्युना प्रभावना अधिकारीनें ग्रंथीत एयतान्नें वर्ध १५ करै । नें ज्ये मृत्युना भयथो पोतानार सऊ जीवाना समय ।

सुधी दासपणाना अधीन हता होण में उबार करे । १६ कोमक्य त्येखें कोई सूरतथो दूरान् खभाव न साहोनें अब् १७ राहामनी संताननू स्वभाव सातू । रथी सजसूरतथी योताना भाइयैानें एवं कोधू जातू येनें उचित है लोकाना पाने माटे प्रायश्चित करवाने ईश्वरने पाते

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